रविवार, 21 फ़रवरी 2010

Jid.

 जिद 
जिद है कुछ कर गुजरने की,
जिद है हर हाल में आगे बढ़ने की,
जिद है नन्हे परों को समेटे घोसलों में,
जिद है फुल से नाजुक दिल में बसे 
चट्टान से हौसलों में,
जिद है,
      आसमान की बांहों में , मंजिल की राहो में
      न थकने की,
जिद है,
     हर हाल में सफलता का स्वाद चखने की,
जिद है,
     अपना रास्ता खुद बनाने की,
जिद है,
     दिलो से दूरिय मिटने की, 
जिद है,
     दरिया में सैलाब लाने की,
जिद है,
     एक नया इन्कलाब लाने की.....

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