मंगलवार, 20 जनवरी 2015

शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

अन्ना से ...


देखकर अचरज हुआ 

खुद मसीहा जुबान से फिर गया,

उदय होते होते सूरज 

काली घटाओं से घिर गया,

 

लता को खुद पर चढ़ता देख 

वृक्ष स्वयं टूट कर गिर गया ......

रविवार, 16 सितंबर 2012

भारत खोल

भारत बंद करनेवालों पर 

जमकर हल्ला बोलेंगे ,

खोलने देश की किस्मत 

पूरा भारत खोलेंगे।।


खोलेंगे सत्ता के गलियारों के 

परदे मोटे मोटे,

खोलेंगे लाल फीतों में बंद 

सपने छोटे छोटे .


खोलेंगे सच

 रक्तरंजित हाथों का,

खोलेंगे राज 

विदेशी बैंक के खातों का .


जुबान पर लगे ताले  खोलेंगे 

मन के दरवाजे खोलेंगे 

खोलेंगे राहें

 मंजिल तक जाने को,

 

खोलेंगे दिल

 दिल से मिलाने को, 

 

अबकी बार 

बात कुछ नयी बोलेंगे,

बंद पड़ा है पूरा का पूरा 

आओ मिलकर भारत खोलेंगे।।





शनिवार, 15 सितंबर 2012

तिरंगे ने कहा

तिरंगे ने मुझसे कहा 

ऐ जोशीले नौजवान 

मेरे पीछे चलने से पहले 

हो सके तो करना एक काम ,

परख के जरुर देखना उन हाथों को 

जिन्होंने मुझे रखा हो थाम ...

शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

सपने पानी पानी

 

मैंने बिज बोये 

कुछ सपने संजोये,

जब आसमान से न बरसा 

पलकों को भिगो गया पानी ...


अपनी  हिम्मत संजोये 

मैंने फिर बिज बोये 

बरसा जो कहर बनकर 

मेरे सपने डुबो गया पानी .....