सोमवार, 27 दिसंबर 2010

Happy new year 2011

Happy new year 2011 
 
आओ २०११ तुम्हारा स्वागत है.
कामना है, २०१० की परछाई से तुम उबर पाओ,
अपने लिए कोई नया मुस्तकबिल तलाश पाओ..

अवकाश के उपग्रह के विफल हो गिरने से  
कंही  ज्यादा दर्द तब हुआ 
जब दिल्ली  में किसी तेज रफ़्तार कार से
एक अबला का दुपट्टा गिरा...

उम्मीद है तुम गिरो नहीं 
ऊँचे उठो 
इतना जहाँ से तुम साफ़ देख सको
कश्मीर की सडको पर बिछे नौनिहालों के शव,
आदर्श सोसाइटी की इमारत,
राष्ट्रकुल स्पर्धा का खोकला गुब्बारा,

 मै चाहता हूँ ,
तुम मुस्कुराओ ,
उन होंठो पर जो निवाला छूने को तरसते है...

मै चाहता हूँ 
तुम चमको सपना बनकर ,
उन आँखों में जो भीगी है,


भला ये भी क्या बात हुई ,
एक शाम,
एक जाम, 
और अगली सहर से कहानी वही आम,
कुछ तो नया हो इस नये साल में...

शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

बलात्कार..


बैसाखियाँ  सभी ने  बांटी,
काश किसी ने दी होती 
पैरो में चलने की जान..
मिटटी के चूल्हे में 
दिल जल रहा था...
उबल रहे थे अरमान ..

तभी आदिवासी के दरवाजे पर दस्तक हुई,
आये थे एक और समाज सेवक मेहमान..
जुबान से शहद टपकाते 
पूरी झोपडी में नज़र घुमाते
हर जरुरत को भांपा ..
हर दर्द की गहराई को 
कागज पर नापा ...

जाते जाते समाज सेवक ने 
विश्वास से कहा 
आप पिछड़े है 
हम आपका करेंगे सुधार..

दर्द खुली इज्जत सा बिखर गया ,
बेबस गरीबी का 
फिर  हो गया  बलात्कार....