शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

कागज पी गया पानी

मेरे गाँव की नदी इस बरस सुखी है,

सुना है किसी बांध पर रुकी है।

अख़बार में पढ़ा वहां से 

नहर हर खेत तक जाती है,

सरकारी दफ्तर में बतौर सबूत ,

कागज के बड़े बड़े पुलिंदे है।

मेरे बच्चे कागज पढना सिख रहे है,

शायद वो कभी समझ पाए 

कागज कैसे पी गया 

मेरी नदी का पानी ......

 


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