मेरे गाँव की नदी इस बरस सुखी है,
सुना है किसी बांध पर रुकी है।
अख़बार में पढ़ा वहां से
नहर हर खेत तक जाती है,
सरकारी दफ्तर में बतौर सबूत ,
कागज के बड़े बड़े पुलिंदे है।
मेरे बच्चे कागज पढना सिख रहे है,
शायद वो कभी समझ पाए
कागज कैसे पी गया
मेरी नदी का पानी ......
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