कारगिल युद्धहिमालय के सिने पर
हमने एक नाम लिखा,
संगीनों को कलम बनाकर
हमने अपना प्राण लिखा,
लहू कि श्याही से हमने ,
हर चोटी पर हिन्दुस्तान लिखा..
ये भारत के ऐसे वीर सिपाही है...
अंगारे भी जहाँ जम जाये
वहां इनका लहू उबलता है,
सांसे भी जहाँ थम जाये
वहां भारत का प्रहरी चलता है,
पैरों तले बर्फ है ठंडी
ह्रदयों में धधकती ज्वाला है.
जब जब भारत माँ ने पुकारा
शहीदों ने हिमालय
लहू के रंग रंग डाला है..
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