बात दिल कि ...दिल से
............................................this way i explore world.
रविवार, 21 फ़रवरी 2010
Aviraam
अविराम
मौका जश्न का जरुर है,
पर अभी ख्वाब आधा है.
तू थाम दामन बवंडर का,
बता दे कुदरत को क्या तेरा इरादा है.
न लेना सुकून थोडा भी,
अभी उम्मीद तुझसे और ज्यादा है.
हौसला तो कर तू तारो को छूने का,
आसमान खुद झुक जायेगा ये हमारा वादा है....
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