ध्येय ध्यास को लिए , जियें प्रयास को किये,
जियें समाज के लिए , जियें विकास के लिए।।
शोषित है जो , पीड़ित है जो,
उनके काज हम करें .
निर्बल जो है दबे हुए,
आवाज उनकी हम बनें .
लालिमा है छा रही ,
प्रभात अब प्रतीत है .
स्मृति में अतीत है,
भविष्य का ये गीत है .
नए प्रारंभ का .. संकल्प आज में लिए।।
ध्येय ध्यास को लिए , जियें प्रयास को किये,
जियें समाज के लिए , जियें विकास के लिए।।
भूख के श्राप से,
अविद्या के पाप से,
जल रहा मनुष्य है,
भ्रष्टता के ताप से .
ज्ञानवान सब बने,
चरित्रवान सब बनें,
मुक्त हो समाज अब,
दरिद्रता अभिशाप से .
एक एक दीप जले .. तिमिर नाश के लिए।।
ध्येय ध्यास को लिए , जियें प्रयास को किये,
जियें समाज के लिए , जियें विकास के लिए।।
श्रम का अधिष्ठान है,
मन में भगवान् है,
कल्पना के पंख है,
विज्ञानं की उड़ान है .
प्रलोभनों को छोड़कर ,
बंधनों को तोड़कर ,
बढे चले थके नहीं ,
विपत्ति से झुकें नहीं .
जीवन यह समर्पित है ... नवनिर्माण के लिए।।
ध्येय ध्यास को लिए , जियें प्रयास को किये,
जियें समाज के लिए , जियें विकास के लिए।।
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