दिल मस्त हवा के झोंके सा
बह निकला बातों बातों में.....
मखमली खेतों से गुजरा
बैठा छूक-छूक गाड़ी में,
सपने भी हिचकोले खाते
संग संग मेरी आँखों में,
दिल मस्त हवा के झोंके सा
बह निकला बातों बातों में.....
सर्दी की धुप सा अहसास
लिए रात की करवट थी,
तारे बनकर छिटक गए अरमान,
जिन्हें सिरहाने रखकर सोता था रातों में,
दिल मस्त हवा के झोंके सा
बह निकला बातों बातों में.....
मोटे मोटे सपने हों,
और छोटी छोटी खुशियाँ हो,
छोटा सा एक आँगन हो
जिसमे थाम चलूँ
तेरा हाथ मै हाथों में,
दिल मस्त हवा के झोंके सा
बह निकला बातों बातों में.....
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