उड़ान
पंछी तू उड़ना ना छोड़
डर कर के तूफानों से ,
साह्स से तोल विपत्ति को
ना कि ताकत के पैमानों से .
माना तेरे पंख है कोमल
रख इरादे फौलादी,
ना भूल गीत निर्माणों के,
जब होती हो जहान में बर्बादी.
सपनों की मुश्किल उड़ान पर
संभव है हिम्मत छोड़े साथ.
शायद दिन भी ढल जाए
हो दिशा हिन् अंधियारी रात.
पर अब तक किसीने नहीं देखा
वो आकाश जो तुझको छुना हो,
तो हर अगली उड़ान पर
उत्साह पहले से दूना हो.
प्रयत्न अगर सच्चे हो
तो सफलता जरुर होगी,
पर हर मंजिल के आगे
मंजिले और होगी.
चुनौतिया भी बदलेगी,
बदलेंगे मौसम आसमानों में..
मिट कर भी आकाश छूने की चाहत
होनी चाहिए दीवानों में....
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