शुक्रवार, 5 मार्च 2010

गाँव

गाँव 

जीवन  का सार है,
सहजता है प्यार है,
छोटे छोटे गांवो में..
बूढ़े पीपल की छाँव में..

प्रकृति यहाँ मित है,
हर पल जीवन संगीत है,
तालों में तैरती नावों में,
किसानों श्रमिकों की बाँहों में.
श्रम रूपी रक्त का यहाँ 
कण कण में संचार है.
जीवन  का सार है...........

यहाँ पत्थर को भी सन्मान है 
हर अतिथि में भगवान् है,
है झूठ में अबतक भोलापन 
सत्य की कीर्ति महान है,
खेतों में लहलहाता यहाँ 
अन्न रूप में प्राण है.
यहाँ घरों में दीवारें तो है 
पर मन में नहीं कोई  दिवार है.
जीवन  का सार है...........

सत्य है कुछ साधन नहीं 
उपलब्ध यहाँ विज्ञान के.
पर महत्त्व उनका गौण है ,
सामने आत्म गौरव और स्वाभिमान के.
जीवन के मार्ग में माना 
संकट दो चार है,
पर संतुष्टि का भाव है 
और प्रयत्नों का आधार है.

जीवन  का सार है,
सहजता है प्यार है,
छोटे छोटे गांवो में..
बूढ़े पीपल की छाँव में..

 

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